Tuesday, November 4, 2008

मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है ।
दौड़ते हुए मुझे अपने रोज के बेंच पे बैठना है।
रोज सुबह उची आवाज में राष्ट्र गीत गाना है।
नई किताब के गंध के साथ पहले पन्ने पे,
सुंदर अक्षरों में अपना नाम लिखना है।
मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है ।। १ । ।

दोपहर की छुट्टी होतेही वाटरबैग छोडके ,
हातोंसे नल का पानी पीना है।
जैसे तैसे डिब्बा ख़तम करके नमक लगाये हुई
इमली, बेर, ककडी ये सब खाना है।
सायकल के पैय्यो का विकेट बनाके क्रिकेट खेलना है।
मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है ।। २ । ।

कल बारिश होके स्कूल को छुट्टी होगी,
यह सोचके रात को सो जाना है।
अनजाने से मिलाने वाली छुट्टी के मजे के लिए
मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है। । ३ । ।

बेल बजने तक दोस्तोंसे क्लास रूम में बातें करनी है।
बेल बजते ही दोस्तों से सायकल रेस करके घर पोहोचना है।
मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है। । ४ । ।

कितना ही भारी क्यो न हो, जिम्मेदारी के बोझ की जगह,
स्कूल बैग पीठ पे रखनी है।
कितनी ही गर्मी क्यो न हो, एसी ऑफिस छोड़ के
बिना पंखे की क्लास रूम में खिड़कीयां खुली करके बैठना है।
कितना ही ख़राब क्यो न हो, ऑफिस की अकेली खुर्सी को छोड़ के,
दोनों के बेंच पे तीन दोस्तों के साथ बैठना है।
मुझे फिरसे एक बार अपने स्कूल जाना है। । ५। । /

2 comments:

Sundeep said...

bachpan ki yaadein..wo bhi kya din the.

Unknown said...

balpan dega deva jasa mungi sakekrecha rawa,,,,,,,,,,,,,,,